Description
बी.ई.सी.सी..106: मध्यवर्ती समष्टि अर्थशास्त्र–I
पाठ्यक्रम कोड : बी.ई.सी.सी.–106
सत्रीय कार्य कोड : एएसएसटी/बीईसीसीी–106/2025–26
कुल अंक : 100
सत्रीय कार्य I
निम्नलिखित वर्णनात्मक श्रेणी के प्रश्नों के उत्तर लगभग 500 शब्दों में दें। प्रत्येक प्रश्न 20 अंकों का है। संख्यात्मक प्रश्नों के मामले में शब्द सीमा लागू नहीं होगी।
1.निवेश–बचत (IS) और धन आपूर्ति (LM) वक्रों के लिए समीकरण अवकलित करें। मॉडल के प्राचलों को निर्दिष्ट करें। स्पष्ट करें कि संतुलन उत्पादन और ब्याज दर के स्तर इन प्राचलों में परिवर्तन से कैसे प्रभावित होते हैं।
2.निवेश–बचत एवं धनापूर्ति (IS–LM) आधार का प्रयोग कर उत्पादन, कीमतों और ब्याज दर पर विस्तारवादी राजकोषीय नीति के प्रभाव की व्याख्या करें।
सत्रीय कार्य II
निम्नलिखित मध्यम श्रेणी के प्रश्नों के उत्तर लगभग 250 शब्दों में दें। प्रत्येक प्रश्न 10 अंक का है। संख्यात्मक प्रश्नों के मामले में शब्द सीमा लागू नहीं होगी।
3.मुंडेल–फ्लेमिंग मॉडल के महत्वपूर्ण निष्कर्षों पर चर्चा करें।
4.विनिमय दर निर्धारण के लिए परिसंपत्ति बाजार उपागम के प्रमुख अभिलक्षणों पर प्रकाश डालें।
5.विनिमय दर अत्यधिक बढ़ जाने के पीछे क्या कारण होते हैं? स्पष्ट करें।
सत्रीय कार्य III
निम्नलिखित लघु श्रेणी के प्रश्नों के उत्तर लगभग 100 शब्दों में दें। प्रत्येक प्रश्न 6 अंक का है।
6.भावी अनुबंध और अग्रिम अनुबंध की अवधारणाओं के बीच अंतर स्पष्ट करें।
7.विदेश व्यापार के संदर्भ में चालू खाते की अवधारणा को स्पष्ट करें। चालू खाते में घाटे का निपटान कैसे किया जाता है?
8.नीति अप्रभाविता स्थापना के क्या निहितार्थ हैं?
9.अनुकूलित अपेक्षाओं की अवधारणा स्पष्ट करें। इसकी क्या कमियाँ हैं? अनुकूलित अपेक्षाओं की अवधारणा स्पष्ट करें। इसकी क्या कमियाँ हैं?
10.उन कारकों पर चर्चा करें जो मध्यम अवधि के कुल आपूर्ति (AS) वक्र में परिवर्तन के कारण बनते हैं।





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