Description
बीईसीसी–133 : समष्टि अर्थशास्त्र के सिद्धांत–I
शिक्षक मूल्यांकित सत्रीय कार्य (टीएमए)
पाठ्यक्रम कोड : बी.ई.सी.सी.-133
सत्रीय कार्य कोड : एएसटी/टीएमए/2025-26
कुल अंक : 100
सत्रीय कार्य–1
निम्नलिखित वर्णनात्मक श्रेणी के प्रश्नों का उत्तर लगभग 500 शब्दों में देना है। प्रत्येक प्रश्न 20 अंक का है।
1.तीन–क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में आय तथा उत्पादन के वृतीय प्रवाह को उपयुक्त आरेख की सहायता से समझाइए। चक्रीय प्रवाह में रिसाव तथा इंजेक्शन के बीच क्या संबंध है?
2.(क) जब सरकारी क्षेत्र को राष्ट्रीय आय मॉडल में शामिल किया जाता है तो उपभोग फलन में होने वाले परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
(ख) सरकारी व्यय में परिवर्तन होने पर समग्र मांग वक्र कैसे परिवर्तित होता है? क्या यह आय और उत्पादन के संतुलन स्तर को भी बदलता है?
सत्रीय कार्य–2
मध्यम श्रेणी के निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 250 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 10 अंक का है।
3.श्रम मांग तथा श्रम आपूर्ति वक्र व्युत्पन्न कीजिए। शास्त्रीय दृष्टिकोण के अनुसार अल्पकाल में उत्पादन के साथ श्रम के संबंध की व्याख्या कीजिए।
4.निम्नलिखित की व्याख्या करें :
(क) निवेश गुणक
(ख) धन गुणक
(ग) चपल मुद्रा (hot money)
(घ) तरलता वरीयता वक्र
5.निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए :
(क) आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक विकास
(ख) स्टॉक और प्रवाह
सत्रीय कार्य–3
निम्नलिखित लघु श्रेणी के प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 6 अंक का है।
6.भुगतान संतुलन खाते में ‘अदृश्य’ शब्द को परिभाषित करें। अदृश्य के दो उदाहरण दीजिए।
7.भारत में मुद्रा आपूर्ति के विभिन्न उपायों की व्याख्या कीजिए।
8.समझाइए कि शास्त्रीय दृष्टिकोण में समग्र पूर्ति वक्र ऊर्ध्वाधर क्यों होता है।
9.कीन्स (Keynes) के मुद्रा की माँग के सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।
10.स्पष्ट करें कि एक खुली अर्थव्यवस्था में संतुलन उत्पादन कैसे निर्धारित होता है?




Reviews
There are no reviews yet.